Wednesday, April 06, 2011

कभी सोचता हूँ...



कभी सोचता हूँ,
क्या है ये जिंदगी,
जब भी जीना चाहो,
मौत का एहसास दिलाती है,
उजाले की किरण देखना चाहो,
अँधेरे के इलावा कुछ नज़र नहीं आता,
खुल कर सांस लेना चाहो,
पर हर तरफ घुटन ही घुटन है,
क्या करूँ कहाँ जाऊं,
मेरा दम घुटता है यहाँ,
क्या ऐसी ही होती है यह जिंदगी...

कभी सोचता हूँ,
क्या होते हैं ये आंसू,
कोई कहता है,
यह दर्द हल्का करते हैं,
पर जब भी मैं चाहता हूँ,
की यह बाहर निकले,
और मेरे दर्द को हल्का करें,
तो वो बाहर नहीं आते,
हमेशा आना-कानी करते हैं,
शायद यह भी जिंदगी की तरह ही हैं,
जो हमेशा मुझसे बेवफाई करते हैं....

कभी सोचता हूँ,
क्या है यह मौत,
जिस से सब लोग डरते हैं,
जिंदगी का अंत,
या फिर एक नयी जिंदगी की शुरुआत,
कभी दिल करता है,
की मौत को गले लगा लूँ,
कोशिश भी करता हूँ,
पर शायद अभी समय नहीं है,
इस कमबख्त मौत के आने का...

कभी सोचता हूँ,
दुनिया की नज़रों में,
मैं हमेशा मुस्कुराता हूँ,
हमेशा खुश रहता हूँ,
और वो मुर्ख सोचते हैं,
मुझे कोई ग़म नहीं,
अन्दर से घुट घुट कर जी रहा हूँ,
शायद यह कोई मरने से कम नहीं...

कभी सोचता हूँ,
शायद सब कुछ मिला है मुझे,
पर फिर भी किसी की तलाश में हूँ,
नाराज़ नहीं हूँ खुदा की इस जिंदगी से,
शायद मैं अपने आप में नहीं हूँ,
तड़प रहा हूँ बुरी तरह से,
जिंदगी की इस आग में,
सिर्फ एक उम्मीद पर,
कभी न कभी तो,
बुझ ही जाएगी...

कभी सोचता हूँ,
अब तो आदत सी हो गई हे,
तन्हाई के साथ रहने की,
शायद अब फर्क नहीं पड़ता,
अब तो जिंदगी से भी,
समझोता कर रहा हूँ,
अन्दर घुट घुट कर जी रहा हूँ,
और बाहर मुस्कुराने की,
कोशिश कर रहा हूँ......


3 comments:

DIVU said...

Life is a pain. There are only few moments of happiness but pain retains the upper hand. Heart may be broken by deeds of those in whom we have utmost trust, and suddenly every thing looks useless. Yet, the law of nature says that bad times too do not last for ever. Pain teaches us so much about the facts of life.

Sunil Aggarwal said...

Dear Laalli
It is good to see you in poetry. Try www.kavitakosh.org. It has best of poetry from Indian poets. Read, enjoy and share.
Sunil

Umesh Bawa said...

Squandering for self realisation... Hopefully you'll melt down someday in front of your master and aquiesce yourself to him to obiliterate the path...go ahead..