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Tuesday, April 19, 2011

मौत.....

जिंदा थे तो किसी ने पास भी बिठाया नहीं,
अब खुद मेरे चारों और बैठे जा रहे हैं।
पहले कभी किसी ने मेरा हाल भी न पूछा,
अब सभी मेरी ही बातें किये जा रहे हैं।

सारी जिंदगी मेरे आंसू न पोंछ सका कोई,
अब सब मेरे लिए ही आंसूं बहाए जा रहे हें।
उम्र भर कोई शाभाशी तक न दे पाया मुझे,
अब सभी मेरी तारीफों के पुल बांधते जा रहे हैं।

जिन्दा रहते एक रुमाल भी भेंट न किया,
अब शालें और कपड़े ऊपर से डाले जा रहे हें।
भेदभावों के चलते जिसने हमसे किनारा कर लिया,
आज वो भी हाथ जोड़कर खड़े नज़र आ रहे हैं।

जिंदगी में एक कदम भी साथ न चल सका कोई,
अब फूलों से कन्धों पर उठा ले जा रहे हैं।
किसी ने एक वक़्त का खाना खिलाया नहीं कभी,
अब देसी घी मेरे मुंह में डाले जा रहे हैं।

सब को पता है की अब उनके काम का नहीं,
फिर भी बेचारे दुनियादारी निभाए जा रहे हैं।
अब पता चला है की जिंदगी से कितनी बेहतर है मौत,
हम तो बे-वजह ही जिंदगी की चाहत किये जा रहे हैं।

Friday, April 08, 2011

Freedom....


All I want is freedom
To live like a bird,
Want to fly high,
Where sky is the limit,
Free from any cage...

All I want is freedom,
Free from this hypocritical world,
Free from emotional sufferings,
Free from moral burdens,
Free from all boundaries...

All I want is freedom,
To be an animal,
Free from any restraints,
Free from any interference,
Free from any shackles....

All I want is freedom,
To live my life in my own way,
Free from all traps,
Free from this reality,
Free from these structures...

All I want is Freedom,
Freedom to fuck,
Freedom to think,
Freedom to learn...
Freedom to be ME...

All i want is freedom,
Freedom freedom freedom
Is it too much to ask?

Wednesday, April 06, 2011

कभी सोचता हूँ...



कभी सोचता हूँ,
क्या है ये जिंदगी,
जब भी जीना चाहो,
मौत का एहसास दिलाती है,
उजाले की किरण देखना चाहो,
अँधेरे के इलावा कुछ नज़र नहीं आता,
खुल कर सांस लेना चाहो,
पर हर तरफ घुटन ही घुटन है,
क्या करूँ कहाँ जाऊं,
मेरा दम घुटता है यहाँ,
क्या ऐसी ही होती है यह जिंदगी...

कभी सोचता हूँ,
क्या होते हैं ये आंसू,
कोई कहता है,
यह दर्द हल्का करते हैं,
पर जब भी मैं चाहता हूँ,
की यह बाहर निकले,
और मेरे दर्द को हल्का करें,
तो वो बाहर नहीं आते,
हमेशा आना-कानी करते हैं,
शायद यह भी जिंदगी की तरह ही हैं,
जो हमेशा मुझसे बेवफाई करते हैं....

कभी सोचता हूँ,
क्या है यह मौत,
जिस से सब लोग डरते हैं,
जिंदगी का अंत,
या फिर एक नयी जिंदगी की शुरुआत,
कभी दिल करता है,
की मौत को गले लगा लूँ,
कोशिश भी करता हूँ,
पर शायद अभी समय नहीं है,
इस कमबख्त मौत के आने का...

कभी सोचता हूँ,
दुनिया की नज़रों में,
मैं हमेशा मुस्कुराता हूँ,
हमेशा खुश रहता हूँ,
और वो मुर्ख सोचते हैं,
मुझे कोई ग़म नहीं,
अन्दर से घुट घुट कर जी रहा हूँ,
शायद यह कोई मरने से कम नहीं...

कभी सोचता हूँ,
शायद सब कुछ मिला है मुझे,
पर फिर भी किसी की तलाश में हूँ,
नाराज़ नहीं हूँ खुदा की इस जिंदगी से,
शायद मैं अपने आप में नहीं हूँ,
तड़प रहा हूँ बुरी तरह से,
जिंदगी की इस आग में,
सिर्फ एक उम्मीद पर,
कभी न कभी तो,
बुझ ही जाएगी...

कभी सोचता हूँ,
अब तो आदत सी हो गई हे,
तन्हाई के साथ रहने की,
शायद अब फर्क नहीं पड़ता,
अब तो जिंदगी से भी,
समझोता कर रहा हूँ,
अन्दर घुट घुट कर जी रहा हूँ,
और बाहर मुस्कुराने की,
कोशिश कर रहा हूँ......


Monday, March 14, 2011

Beating Pain.....


Oh pain! Oh pain! There's something you should know,
Halt now, surrender, and listen to what I say,
Every time you hurt, I only thrive and grow,
Oh pain, you'll see, you will not have your way.
Oh pain you knock so loudly on my door,
Armed with grief and loaded with tons of sorrow,
Oh pain I'll win, I'm ready for this war,
I won't give up I'll see a better tomorrow.
I know your goal is to destroy but wait,
If more pain then courage and hope does soar,
My spirit rises a song I do create,
I told you I will surely win this war.
Do you see what I mean now Mr. Pain?
If not for you my life would be in vain.